अब तिब्बत सीमा तक सेना की पहुंच और आसान हो जाएगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को किन्नौर जिले के मलिंग से चांगो तक बनी करीब 26 किलोमीटर सड़क का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया। इस मार्ग के बनने से मलिंग में दशकों से चली आ रही भूस्खलन की समस्या से जहां निजात मिलेगी। वहीं पूह, काजा, लाहौल स्पीति के हजारों ग्रामीणों सहित सेना और देश-विदेश के पर्यटकों को सुगम सफर का अनुभव होगा। दरअसल साल 2004 में यंगथंग-चांगो सड़क भूस्खलन के कारण ध्वस्त हो गई थी।
उसके बाद मलिंग-चांगो सड़क से ही सीमा तक सेना के वाहनों की आवाजाही हो रही थी। हालांकि, सड़क तंग होने के कारण स्थानीय लोगों और सेना के काफिले को गुजरने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए बीआरओ ने अब मलिंग से चांगो तक 190 करोड़ की लागत से करीब 26 किलोमीटर सड़क को चकाचक कर दिया है। इसमें क्रैश बैरियर लगाने, सड़क को चौड़ा करने और टारिंग का कार्य किया गया है। अब आसानी से सेना के वाहन सीमा तक पहुंच सकेंगे।
स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी। मलिंग के पास अकसर भूस्खलन होता था, जिस कारण आए दिन यहां एनएच पांच बाधित हो जाता है। ऐसे में सीमा पर तैनात जवानों, पूह खंड की चार पंचायतों और काजा स्पीति के हजारों लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए बीआरओ ने मलिंग से चांगो तक नई सड़क बनाने का खाका तैयार किया। अप्रैल 2021 में सड़क निर्माण शुरू हुआ। अगस्त माह में इस सड़क का निर्माण पूरा कर लिया था।
मंगलवार को मलिंग में आयोजित सड़क के उद्घाटन कार्यक्रम में भारतीय सेना के 136 ब्रिगेड कमांडर पूह आरपी सिंह बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे। उन्होंने सड़क निर्माण पर सीमावर्ती इलाकों के लोगों को बधाई दी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कमांडर प्रवीन कुमार पंकज, सेक्टर इंचार्ज कैप्टन विवेक पुन्या, कनिष्ठ अभियंता राकेश कुमार सहित अन्य मौजूद रहे। उधर, बीआरओ के ओसी 108 आरसीसी समदू राजकुमार प्रकाश ने बताया कि बीआरओ ने विकट परिस्थितियों के बावजूद भी सीमावर्ती इलाके में सड़कों का जाल बिछाया है। वैकल्पिक सड़क बनने से हजारों ग्रामीण, सेना के जवान और देश-विदेश से यहां आने वाले पर्यटकों को इस मार्ग का लाभ मिलेगा।