22 मार्च को नई दिल्ली में प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारी गुणात्मक शिक्षा को बढ़ाने के लिए प्रदेश की नई योजनाओं से शिक्षा मंत्रालय को अवगत करवाएंगे। मुख्य बैठक से पहले प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशालय के अधिकारी दिल्ली चले गए हैं। 

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाने और खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को 1,000 करोड़ का बजट प्रस्ताव भेजा गया है। 22 मार्च को नई दिल्ली में प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारी गुणात्मक शिक्षा को बढ़ाने के लिए प्रदेश की नई योजनाओं से शिक्षा मंत्रालय को अवगत करवाएंगे। मुख्य बैठक से पहले प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशालय के अधिकारी दिल्ली चले गए हैं।

परियोजना निदेशालय ने वित्त वर्ष 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना में पुस्तकालयों को मजबूत करने, डिजिटलाइजेशन को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इन सभी योजनाओं को प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। बजट प्रस्ताव में वोकेशनल शिक्षा के तहत स्कूलों में नए कोर्स शुरू करने, सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं का दायरा बढ़ाने की मांग भी शामिल किया गया है।

नर्सरी-केजी कक्षाओं को जेबीटी से पढ़ाने या नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले शिक्षकों की भर्ती करने को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि स्टार प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र ने बजट जारी किया है। इसमें कुछ खामियां थी। जिस बैंक को यह काम सौंपा था उसने इसमें देरी की है। उन्होंने कहा कि दूसरे बैंक को यह काम देने पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर शिक्षा देने के लिए काम किया जाएगा। विशेष टीचर भी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चें अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते। उनके लिए भी एक योजना बनाई जा रही है। इसमें खंड स्तर पर विशेष केंद्र बनाए जाएंगे जहां गाड़ी के माध्यम से बच्चों को लाया जाएगा और शाम को वापस छोड़ा जाएगा। हिमाचल ऐसा पहला राज्य होगा जहां विशेष बच्चे शिक्षा के बिना नहीं रहेंगे