धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण और कसोल में अब हुड़दंगियों पर सीसीटीवी की पैनी नजर रहेगी। सरकार ने संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 10 लाख की राशि स्वीकृत की है। हाथीथान-भुंतर और सुमा रोपा में 24 घंटे सातों दिन नाकाबंदी के आदेश दिए गए हैं। पर्यटकों का भी पंजीकरण किया जाएगा। हाईकोर्ट के संज्ञान के बाद सरकार ने अदालत के समक्ष रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को बताया गया कि मामले की जांच में प्रकाशित खबरों की पुष्टि हुई है। हुड़दंगियों ने मंदिरों, घरों, दुकानों और लगभग 20 वाहनों में तोड़फोड़ कर 9 से 10 लाख रुपये का नुकसान किया है। अदालत को बताया गया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। मणिकर्ण आने वाले सभी वाहनों की तलाशी ली जा रही है। शांति बनाए रखने के लिए आधी बटालियन के जवान तैनात किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और डीएसपी कुल्लू को निगरानी के लिए तैनात किया गया है। सरकार ने मणिकर्ण और कसोल में हुड़दंगियों से निपटने के लिए अदालत के समक्ष सुझाव भी पेश किए हैं। मणिकर्ण में कम से कम 40 पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस थाना खोलने की मांग की गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि हाईकोर्ट ने दैनिक समाचार पत्र में छपी खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है। छह मार्च 2023 को खबर प्रकाशित हुई थी कि पंजाब के पर्यटकों ने मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया। ग्रीन टैक्स नहीं देने पर सैलानी मजदूरों से उलझ गए। देखते ही देखते करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सड़क पर जमा हो गए। हुड़दंगबाजों ने नारेबाजी से माहौल तनावपूर्ण बना दिया। सात मार्च 2023 को प्रकाशित खबर के अनुसार पंजाब के पर्यटकों ने मणिकर्ण में भी उत्पात मचाया। छह मार्च की रात को मणिकर्ण में दंगे जैसी स्थिति देखी गई। बीयर की बोतलें नयनादेवी माता मंदिर की ओर सड़क पर फेंक दीं। उपद्रवियों ने मंदिरों, घरों और 20 वाहनों में लोहे की छड़ों और लाठियों से तोड़फोड़ की। अदालत ने इन घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को मामले में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए थे।

हथियार लेकर मणिकर्ण आने वालों पर लगे रोक : महेश्वर

धार्मिक नगरी मणिकर्ण में पर्यटकों का हुड़दंग चिंता का विषय है। मणिकर्ण में तनाव का माहौल न हो, इसके लिए जरूरी है यहां हथियार लेकर आने वालों पर पाबंदी लगाई जाए। यह बात पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने सोमवार को उपायुक्त से मणिकर्ण मामले को लेकर की गई मुलाकात में कही। घाटी के अन्य प्रतिनिधियों के साथ उपायुक्त कार्यालय पहुंचे महेश्वर ने कहा कि बाहरी राज्यों से खुले हथियार लेकर आने वाले पर्यटकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मणिकर्ण में हुड़दंग का मामला संगीन है। इससे स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ सरकार को सीख लेने की जरूरत है, जिससे आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

उन्होंने कहा कि बैसाखी पर्व आने वाला है, जिसके चलते पंजाब के श्रद्धालुओं का मणिकर्ण गुरुद्वारा साहिब में आना लगा रहेगा। इस दौरान हथियार लेकर कोई भी यहां न पहुंचे, इसको लेकर बैठक कर व्यवस्था बनाने की जरूरत है। गुरुद्वारा प्रबंधन और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर घाटी में प्रवेश न करे। उन्होंने पिछले दिनों जरी में एक युवक पर पर्यटकों के हमले पर चिंता जताई।

सीसीटीवी कैमरे का विश्लेषण करने में जुटी पुलिस

 मणिकर्ण में पंजाब के पर्यटकों के हुड़दंग मामले में जांच तेज हो गई है। हालांकि एसआईटी के मुख्य रेंज के डीआईजी मधुसूदन शर्मा वापस लौट गए हैँ। पार्वती घाटी के मणिकर्ण में हुड़दंग करने वाले लोगों की पहचान के लिए पुलिस अब सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण कर रही है। पुलिस करीब 12 से अधिक सीसीटीवी कैमरों में कैद हुड़दंगियों की पहचान कर रही है। वहीं, पांच मार्च की रात के वायरल वीडियो को भी जांच के लिए शिमला भेजा गया है। पीएनबी के एटीएम, शिव मंदिर, राम मंदिर, गुरुद्वारा गेट सहित कई अन्य जगहों के सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया जा रहा है।

भले ही मामले को एक सप्ताह का समय हो गया है, लेकिन स्थानीय लोग अभी भी सहमे हुए हैं। वह पुलिस व सरकार से धार्मिक नगरी की शांति को भंग करने वाले पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उधर, हुड़दंग करने वाले आरोपी अभी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। ऐसे में पंचायती राज संस्था के जनप्रतिनिधि भी खुलकर अपनी बात कह रहे हैं। बरशैणी वार्ड की जिला परिषद सदस्य रेखा गुलेरिया ने कहा कि मणिकर्ण की घटना को अब नौ दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार की ओर से हुड़दंगियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। इस घटना के बाद घाटी के लोगों में रोष है।