क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में करोड़ों का मुनाफा कमाने वालों कई निवेशकों पर कार्रवाई तय है। इस घोटाले में 80 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने लोगों को ठगकर 2-2 करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाया है। इनमें से 10 के करीब लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है। पुलिस एसआईटी का शिकंजा कसता देख कई अग्रिम जमानत के लिए अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। कुछ आरोपी एसआईटी के डर से भूमिगत चल रहे हैं। एसआईटी इनकी तलाश कर रही है।

ये एजेंट जिला मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा और पंजाब के रहने वाले हैं। एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है कि करोड़ों के घोटाले में महिला समेत जिन 4 पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी हुई है, उनकी भी दो करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्तियां हैं। पुलिस एसआईटी की ओर से इनका वित्तीय रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। एसआईटी का मानना है कि ठगी से कमाई संपत्तियों को सीज किया जाना है।

पुलिस एसआईटी गिरफ्तार 19 आरोपियों से पूछताछ के बाद ही जांच में आगे बढ़ रही है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में 2 करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है। एसआईटी ने आरोपियों को पकड़ने के लिए हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी अपना जाल बिछाया हुआ है। इसको लेकर बाहरी राज्यों की पुलिस की मदद ली जा रही है।

क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में चार आरोपी मास्टरमाइंड करीब 2,500 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले को अंजाम देने वाले चार मुख्य आरोपी हैं। इनमें हेमराज, सुभाष, अभिषेक और सुखदेव शामिल हैं। ठगी का पैसा इन चारों में बराबर बंटता था। इन चारों आरोपियों की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। इन मास्टरमाइंड का एक आरोपी सुभाष पुलिस की पकड़ से बाहर है। यह दुबई में छिपा है। इसका वीजा खत्म हो चुका है। पुलिस एसआईटी ने इसे स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।