पाकिस्तान में पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने ‘कॉर्पोरेट कृषि खेती’ के लिए प्रांत के तीन जिलों भक्कर, खुशाब और साहीवाल में 45,267 एकड़ जमीन पाकिस्तानी सेना को सौंपने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई को लेकर जनता सड़कों पर उतर आई है। हालात यहां तक खराब हैं कि आईएमएफ ने भी अभी तक पाकिस्तान को कर्ज नहीं दिया है। पिछले कुछ महीनों में आटा, नमक और तेल के दाम आसमान छू चुके हैं। अब इससे बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान सरकार सेना की मदद लेने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने सेना को 45 हजार एकड़ जमीन दी है, जिसमें वह ‘कॉर्पोरेट कृषि खेती’ करेगी।

पाकिस्तान में पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने ‘कॉर्पोरेट कृषि खेती’ के लिए प्रांत के तीन जिलों भक्कर, खुशाब और साहीवाल में 45,267 एकड़ जमीन पाकिस्तानी सेना को सौंपने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पाकिस्तान के नागरिक आवश्यक वस्तुओं के लिए अत्यधिक मात्रा में भुगतान कर रहे हैं। वर्तमान में हालात सुधारने हैं तो आर्थिक तौर पर मजबूत होना होगा। इन तमाम संकटों के दौरान अब पाकिस्तानी सेना खेती करने जा रही है।

पत्र में पंजाब सरकार की 20 फरवरी, 2023 की एक अधिसूचना और 8 मार्च के एक संयुक्त उद्यम (जेवी) समझौते का हवाला दिया गया है। यह याद दिलाया गया है कि आठ मार्च को जेवी प्रबंधन समझौते पर हस्ताक्षर करते समय, यह निर्णय लिया गया था कि राज्य की भूमि की तुरंत आवश्यकता है। परियोजना के लिए पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया जाए। जानकार सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना, पंजाब सरकार और कॉर्पोरेट खेती से जुड़ी निजी फर्मों के बीच संयुक्त उद्यम पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 

पाकिस्तानी सेना को फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए खेती करने की अनुमति दी गई है। यह पूरा प्रोजेक्ट एक ज्वाइंट वेंचर है। परियोजना को सफल बनाने के लिए सेना प्रबंधन स्तर पर एक भूमिका निभाएगी। भूमि का स्वामित्व प्रदेश सरकार के पास रहेगा। अधिकारियों ने कहा कि कॉरपोरेट कृषि खेती से सेना को कोई लाभ या राजस्व नहीं मिलेगा। 45,267 एकड़ जमीन पर कॉरपोरेट कृषि शुरू की जाएगी। यह परियोजना चरणों में पूरी की जाएगी।