हिमाचल प्रदेश में चल रहे सियासी संकट के बीच कांग्रेस के विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारने के आसार कम हो गए हैं। हिमाचल विधानसभा में अभी कांग्रेस विधायकों की संख्या 34 है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के जीतने की स्थिति में बहुमत कम हो जाएगा। शिमला संसदीय सीट से मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार या विधायक विनोद सुल्तानपुरी को चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। कांगड़ा से रघुवीर सिंह बाली या मंत्री चंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाने की अटकलें थी
अब बदले राजनीतिक हालात में पार्टी ने अन्य नेताओं को चुनाव लड़ाने के विकल्पों पर मंथन शुरू कर दिया है। उधर, मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह का दोबारा चुनाव लड़ना लगभग तय है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के गृह संसदीय क्षेत्र हमीरपुर से प्रत्याशी के चयन को लेकर अभी माथापच्ची ही चल रही है। राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी के छह विधायकों की ओर से की गई क्राॅस वोटिंग के बाद से हिमाचल में राजनीतिक माहौल बदल गया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने बजट पारित करने के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहने पर छह विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है। इनके अयोग्य होने के चलते विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 से घट कर 34 रह गई है। विधानसभा में विधायकों की संख्या अब 68 से 62 रह गई है। ऐसे में बहुमत के लिए 32 विधायकों की संख्या जरूरी हो गई है। उधर, अयोग्य घोषित विधायकों की याचिका पर 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। अगर कोर्ट से इन्हें राहत मिलती है तो सियासी संकट फिर गहरा सकता है।
ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहेगी कि विधानसभा में उनके विधायकों की संख्या कम हो। इसके चलते पार्टी ने अब विधायकों की जगह अन्य नेताओं को प्रत्याशी बनाने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। शिमला से अब अमित नंदा, दयाल प्यारी, यशपाल तनाईक और सोहन लाल के नाम चर्चा में आ गए हैं। कांगड़ा से आशा कुमारी, अजय महाजन को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। हमीरपुर से ठाकुर रामलाल, सतपाल रायजादा का नाम निकल कर सामने आ रहा है।