राजनीतिक धुरंधरों की भरमार के चलते एक बार फिर हमीरपुर संसदीय सीट हॉट मानी जा रही है। बेशक इस सीट पर कांग्रेस की जीत से दूरी ढाई दशक की हो गई है, लेकिन प्रदेश में अब सत्तासीन कांग्रेस सरकार के सीएम सुक्खू ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। सुक्खू नादौन के रहने वाले हैं। नादौन से ही ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेता स्व. नारायण चंद पराशर तीन दफा सांसद रहे हैं। उनके बाद कांग्रेस टिकट पर ऊना जिले से मेजर जनरल विक्रम सिंह ने एक बार प्रेम कुमार धूमल को पराजित किया था। बीते 16 लोकसभा चुनावों में भाजपा को 10 बार और कांग्रेस को 5 बार जीत मिली है, जबकि एक दफा जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के परिवार का इस सीट पर वर्ष 2007 से कब्जा रहा है। वर्ष 2007 में इस सीट पर धूमल विजयी हुए थे। इसके बाद से यह सीट धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर के पास है। अनुराग इस सीट पर पहले ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने जीत का चौका लगाया है। इस सीट से तीन बार जीत हासिल करने वाले सुरेश चंदेल को लोकसभा में एक विवाद के चलते वर्ष 2007 में सीट गंवानी पड़ी थी। उपचुनाव में प्रेम कुमार धूमल ने इस सीट से जीत हासिल की। लेकिन, उनके मुख्यमंत्री बनने से यहां दोबारा उपचुनाव हुआ और अनुराग ठाकुर विजयी हुए। इस जीत के बाद से लगातार अनुराग ठाकुर लोकसभा में हमीरपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र पांच जिलों के विधानसभा क्षेत्रों को जोड़कर बना है। इसमें धर्मपुर, भोरंज, सुजानपुर, हमीरपुर, नादौन, बड़सर, बिलासपुर, घुमारवीं, झंडूता, श्री नयनादेवी, ऊना, गगरेट, चिंतपूर्णी, हरोली, कुटलैहड़, देहरा और जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।