हिमाचल प्रदेश में एक साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) करने वालों को प्री प्राइमरी शिक्षक बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर एक साल के कोर्स पर भर्ती करने की मंजूरी मांगी है। नर्सरी और केजी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में करीब 4000 शिक्षकों की भर्ती होनी है। बीते तीन वर्षों से यह भर्ती लटकी हुई है। हिमाचल आरंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षक योजना के तहत प्री प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षकों की भर्ती की जानी है।
करीब 9500 रुपये इनके लिए प्रतिमाह मानदेय तय किया गया है। भारत सरकार ने दो वर्ष की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वालों को इस भर्ती में शामिल करने को कहा था। प्रदेश में एनटीटी करने वाले अधिकांश लोगों ने एक साल का ही कोर्स किया है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर एक वर्ष की ट्रेनिंग वालों को भी भर्ती में शामिल करने की मांग की है। प्रस्ताव में कहा है कि जिन्होंने एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स किया है, उन्हें छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा।
उधर, पूर्व की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला लिया था। तत्कालीन सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए नियम तय होने तक आउटसोर्स आधार पर भर्ती करने को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी थी। इसी दौरान चुनाव आचार संहिता लगने से मामला लटक गया। अब सुक्खू सरकार नए सिरे से इस भर्ती पर मंथन कर रही है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा है कि प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती करने के लिए सरकार सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार से भी राय ली जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।