इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के हजारों आवेदनों के कार्यों को निपटाना मुश्किल हो गया है। जिला कल्याण कार्यालय में अब तक करीब 5 हजार आवेदन आ चुके हैं। इसके अलावा तहसील कल्याण कार्यालय में रोजाना सैकड़ौं की संख्या में आवेदन पहुंच रहे हैं। लेकिन आवेदनों को गति देने की बजाय कार्य निपटाने में कर्मियों की कमी खल रही है। जिले में तहसील कल्याण अधिकारी के दो, क्लर्क के 11 सहित 21 विभिन्न पद रिक्त चल रहे हैं। नई योजना के तहत प्रदेश की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह सम्मान निधि के रूप में विभाग की ओर से दिए जा रहे हैं।
सामाजिक कल्याण विभाग में वर्तमान में कर्मियों के रिक्त पदों के चलते महिलाओं के आवेदन की वेरिफिकेशन में दिक्कतें सामने आ रही हैं। विभाग के मुताबिक जिले के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार और ननखड़ी में तहसील कल्याण अधिकारी के पद लंबे समय से रिक्त हैं। क्लर्क (लिपिक) के पद रामपुर, ननखड़ी, शिमला ग्रामीण, शिमला शहरी, ठियोग, कुमारसैन, कोटखाई, जुब्बल, रोहड़ू, चिड़गांव और डोडराक्वार में खाली हैं। इसके अलावा जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में एआरओ, वरिष्ठ सहायक और लिपिक के भी एक-एक पद खाली चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में तहसील कार्यालय में रोजाना सैंकड़ों की संख्या में प्राप्त होने वाले आवेदनों के कार्यों को निपटाना मुश्किल हो रहा है।
डोडराक्वार, शिमला शहरी कार्यालय में 4 पद चतुर्थ श्रेणी के रिक्त हैं। जिला कल्याण अधिकारी केआर चौहान ने बताया कि बीते दिनों तहसील कल्याण अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव एवं निदेशक को मांगपत्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित अन्य रिक्त पद भरने की मांग की उठाई है। आश्वासन मिला है कि जल्द की रिक्त पदों को भरा जाएगा। इसके बाद कार्य और गति से चलेगा।
इन श्रेणियों की महिलाएं पात्र नहीं
योजना के तहत 18-59 वर्ष (59 वर्ष की आयु पूरी होने तक) आयु वर्ग की महिलाएं हिमाचल प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए। इसमें केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारी/पेंशनर, अनुबंध/आउटसोर्स/दैनिक वेतनभोगी/अंशकालिक वर्ग के कर्मचारी, सेवारत/भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/आशा वर्कर/मिड डे मील वर्कर/मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं/शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी श्रेणी के परिवार के सदस्यों को योजना से बाहर रखा गया है। इसके अलावा केंद्र/राज्य सरकार के तहत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों/बोर्ड/कांउसिल/एजेंसी में कार्यरत पेंशनभोगी वस्तु एवं सेवाकर हेतु पंजीकृत व्यक्ति तथा आयकरदाता भी योजना में पात्र नहीं होंगे।
पहली किस्त में 2,569 महिलाएं हुई हैं लाभान्वित
इस योजना के तहत जिले में करीब 2,569 महिलाएं लाभांन्वित हो चुकी हैं। इसमें शिमला ग्रामीण में 141, शिमला शहरी में 154, सुन्नी में 155, ठियोग में 242, कुमारसैन में 173, ननखड़ी में 120, रामपुर में 288, चौपाल में 337, कोटखाई में 126, जुब्बल में 136, रोहड़ू में 281 और चिड़गांव में 416 महिलाओं को अप्रैल से जून तक के प्रतिमाह 1500-1500 रुपये जारी किए गए हैं।