एचपीएमसी इस सेब सीजन में पहली बार मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत क्रेट में सेब खरीद करेगी। सेब बागवानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस सीजन से क्रेट के इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं। सेब खरीद के लिए एचपीएमसी ने 30,000 क्रेट ठियोग के पराला संयंत्र पर उपलब्ध करवा दिए हैं। बागवानों को एमआईएस के तहत सेब बेचने के लिए अब वारदाना (पैकिंग के लिए बोरी) पर खर्च नहीं करना पड़ेगा। एचपीएमसी बागवानों को क्रेट उपलब्ध करवाएगा। अब तक बागवान बोरी में एचपीएमसी को सेब देते थे।

इसके लिए 30 रुपये प्रति बोरी खर्चा होता था। क्रेट में ट्रांसपोर्टेशन के दौरान सेब की गुणवत्ता खराब नहीं होगी। जिससे एचपीएमसी के उत्पादों की गुणवत्ता और अधिक बेहतर बनेगी। निगम को लाभ होने पर बागवानों को एमआईएस के तहत सेब के ऊंचे दाम मिलेंगे और पेमेंट भी समय पर होगी। एमआईएस के तहत प्रदेश के करीब 30,000 बागवान हर साल एचपीएमसी को सी ग्रेड सेब देते हैं। एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा ने बताया कि सरकार के निर्देशों पर एमआईएस के तहत सेब खरीदने के लिए 30 हजार क्रेटों का बंदोबस्त कर लिया गया है। पहले चरण में पराला फ्रूट प्रोसेसिंग प्लांट के लिए पूरा सेब क्रेट में खरीदा जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहली बार एमआईएस के तहत क्रेट में सेब खरीदने का फैसला लिया है। एचपीएमसी बागवानों को क्रेट देगा जिससे उनका बोरी का खर्चा बचेगा। क्रेट इस्तेमाल होने से सेब क्षतिग्रस्त नहीं होगा और एमआईएस के सेब से बनने वाले उत्पादों की गुणवत्ता और भी बेहतर बनेगी।– जगत सिंह नेगी, बागवानी मंत्री