बीती बरसात में आई आपदा के 11 माह बाद भी पंडोह में हालात नहीं बदले हैं। स्थिति यह है कि मलबा जस का तस पड़ा है। मलबा आने के कारण ब्यास नदी का जलस्तर भी करीब छह फुट तक ऊपर उठ गया है। मगर इस बरसात में ब्यास का पानी बाजार और घरों की तरफ न आए, इसके लिए यहां अभी तक क्रेटवाल तक नहीं लगाई जा सकी है। बरसात में पंडोह डैम से पानी छोड़ने की स्थिति पर फिर से पंडोह बाजार के जलमग्न होने की स्थिति पैदा हो सकती है।
बीते वर्ष बरसात के दौरान ब्यास नदी में आई बाढ़ से आधा पंडोह बाजार जलमग्न हो गया था। कई घर और दुकानें डूब गईं थीं। चारों तरफ से पानी से घिरे घरों से लोगों को रेस्क्यू किया गया था। बाढ़ से पंडोह में भारी तबाही हुई। इसके बाद यहां अधिकारियों व नेताओं ने दौरा कर बाढ़ से बचाव के लिए क्रेट की सुरक्षा दीवार बनाने का आश्वासन दिया। मगर आपदा के 11 माह बाद भी हालात नहीं बदले हैं। अब बरसता सिर पर है और पंडोह के लोगों को फिर बाढ़ का डर सताने लगा है।
पंचायत ने कागजों में क्रेट वाल लगाने का कार्य स्वीकृत करवा लिया है, लेकिन फंड की कमी के कारण धरातल पर नहीं उतर सका है। स्थानीय लोगों में राधा कृष्ण वर्मा, रोहित कुमार, गौरव ने बताया कि आगामी बरसात के दौरान ब्यास नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए उन्होंने अभी से घर का सामान पैक करना शुरू कर दिया है, ताकि जलस्तर बढ़ने पर घर छोड़ने की नौबत आने पर कुछ सामान तो साथ ले जा सकें।
पंचायत ने क्रेट वाल का काम स्वीकृत करवा लिया है। मगर फंड न होने के कारण यह शुरू नहीं हो पाया है।-गीता देवी, पंचायत प्रधान
हाल में पदभार संभाला है। बरसात से स्पिलवे को नुकसान पहुंचा था। यह कार्य जरूरी था और इसे रिपेयर करवा लिया है। अन्य जरूरी कार्य भी प्रगति पर हैं। -विवेक चोपड़ा, अधिशासी अभियंता, बीबीएमबी पंडोह
पंडोह बाजार के पास क्रेटवाल लगाने के लिए बीबीएमबी प्रबंधन को कहा था। प्रबंधन के साथ बैठक और पत्राचार भी हुआ है, लेकिन यह क्रेटवाल अभी तक नहीं लग पाए हैं। इस संबंध में बीबीएमबी प्रबंधन के संपर्क में है।– ओमकांत ठाकुर, एसडीएम, सदर