यूनिवर्सल कार्टन में वजन के हिसाब से किलो के रेट पर सेब बिकेगा। आढ़तियों को फड़ (ऑक्शन यार्ड) पर अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्राॅनिक कांटे लगाकर पेटियों का वजन कर एवरेज के हिसाब से किलो की बोली लगा कर सेब बेचना होगा। बागवान भी बढि़या किस्म के यूनिवर्सल कार्टन में सेब की पैकिंग करें ताकि आढ़तियों और खरीदारों को नुकसान न हो। नियमों का उल्लंघन बागवान करे या आढ़ती सबके लिए कानून एक समान लागू होगा। यूनिवर्सल कार्टन को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति पर मंगलवार को बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सचिवालय में सभी पहलुओं पर स्थिति स्पष्ट की।

नेगी ने कहा कि जिन बागवानों के पास पिछले साल का कार्टन बचा है वह नाशपाती टेलिस्कोपिक कार्टन में पैक कर बेच सकते हैं। नाशपाती पर कोई रोक नही है। सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन की कोई कमी पेश नहीं आने दी जाएगी। एचपीएमसी के बिक्री केंद्रों पर यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया गया है। निजी कंपनियों का कार्टन भी बाजार में उपलब्ध है। 99 फीसदी बागवान यूनिवर्सल कार्टन से संतुष्ट हैं सिर्फ एक फीसदी परेशान हैं। पिछले सीजन में जब किलो के हिसाब से सेब बिक्री शुरू की थी तब भी कुछ लोगों को समस्या थी, सरकार ने सख्ती की तो व्यवस्था लागू हो गई।

बागवानों से ठगी के मामलों में एसआईटी कार्रवाई करती थी लेकिन इस सीजन से एसआईटी के साथ एपीएमसी को सक्रिय किया जाएगा। बागवानों की शिकायत आते ही एपीएमसी पुलिस में मुकद्दमा दर्ज करवाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बागवान भी अगर चैक से फसल का पैसा ले रहे हैं और चैक बाउंस हो जाता है तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें। सेब सीजन में नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम और तहसीलदारों को भी कार्रवाई की शक्तियां दी जाएंगी।

डीसी, एसपी पर सड़कें बहाल रखने का जिम्मा
सेब सीजन के दौरान ग्रामीण और मुख्य सड़कें बंद न होे इसका जिम्मा संबंधित डीसी और एसपी को सौंपा गया है। पराला मंडी की सड़क बन कर तैयार हो गई है। पीडब्ल्यूडी के साथ बैठक कर हर जगह मशीनें रखने के निर्देश दिए गए हैं।