हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से पास हुए अभ्यर्थियों के लिए राहत की बात है। बोर्ड अपनी स्थापना के समय से लेकर अब तक के सभी सर्टिफिकेटों को डिजी लॉकर पर उपलब्ध करवाएगा। इससे अभ्यर्थियों को पुराने सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए बोर्ड कार्यालय के चक्कर काटने से भी छुटकारा मिलेगा।
इस संदर्भ में शिक्षा बोर्ड ने एक प्रपोजल तैयार किया है, अगर यह प्रपोजल सिरे चढ़ता है तो सूबे के अभ्यर्थियों को खासी राहत मिलेगी। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से 2012 के बाद के सभी सर्टिफिकेटों को डिजी लॉकर पर उपलब्ध करवाया गया है। इससे पहले के कुछ दस्तावेजों की शिक्षा बोर्ड के पास डिजिटल काॅपी है, जबकि अधिकतर दस्ती तौर पर रखे गए हैं।
इन सर्टिफिकेटों को स्कैन कर डिजी लॉकर पर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा बोर्ड प्रबंधन ने एक प्रपोजल बना कर प्रदेश सरकार को भेजा है। ऐसे में अगर यह प्रपोजल सिरे चढ़ता है तो हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से पासआउट हुए अभ्यर्थियों को अपने सर्टिफिकेट डिजी लॉकर पर डिजिटल रूप में मिलेंगे।
वर्ष 1969 में हुई स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 1969 में अस्तित्व में आया। पहले इसका मुख्यालय शिमला में था। जनवरी 1983 में धर्मशाला में स्थानांतरित कर दिया गया। शिक्षा बोर्ड हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम, निर्देशों के पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकें निर्धारित करता है और सूचीबद्ध पाठ्यक्रमों के आधार पर परीक्षाएं आयोजित करता है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा बोर्ड 8वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं और डीएलएड के अलावा एसओएस सहित अन्य कई परीक्षाएं करता है। शिक्षा बोर्ड की ओर से करवाई जाने वाली परीक्षाओं में हर वर्ष ढाई से तीन लाख अभ्यर्थी बैठते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने डिजी लॉकर पर वर्ष 2012 के बाद सभी सर्टिफिकेट अपलोड किए गए हैं। शिक्षा बोर्ड ने योजना बनाई है कि डिजी लॉकर पर स्थापना के समय से पासआउट हुए अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेटों को भी उपलब्ध करवाया जाए, इसके लिए प्रपोजल भेजा गया है। प्रपोजल के मंजूर होते ही इस पर कार्य शुरू कर
दिया जाएगा।– डॉ. मेजर विशाल शर्मा, सचिव, शिक्षा बोर्ड धर्मशाला