क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में हिमाचल प्रदेश पुलिस की एसआईटी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश में जांच के लिए पहुंच गई है। मामले में आरोपियों से पूछताछ के बाद नए-नए नाम जुड़ते जा रहे हैं। ऐसे में आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम बाहरी राज्यों में जा रही है। अब तक 22 आरोपियों की करीब 41 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज कर दी है। इसमें हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों के आरोपी भी शामिल हैं। मामले के मुख्य आरोपी सुभाष के अलावा हेमराज, अभिषेक, सुखदेव और एजेंटों की चल अचल संपत्ति सीज कर दी गई है। अब तक इस मामले में चार चार्जशीट दायर कर ली है। इसमें 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

सुभाष, हेमराज, अभिषेक और सुखदेव और अन्य एजेंट ने भी लोगों को ठगने का काम किया है। बता दें कि इन चारों पर आरोप है कि इन्होंने हिमाचल के लोगों को ठगने का जाल बुना। निवेशकों को जोड़ने वाले एजेंटों को कमीशन दी जाती थी। शुरू में लोगों को डबल पैसा दिया गया। जैसे जैसे लोग निवेश करने को आगे आए। आरोपियों ने पैसे देने के लिए आनाकानी करने लगे। ऐसे में लोगों को पता चला कि उनके साथ फ्राड हो रहा है। क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में कोलकाता में पकड़े गए आरोपी मिलन गर्ग मुख्य आरोपी सुभाष का कामकाज देखता था। आईटी से संबंधित पैसे के लेने देने का रिकार्ड इसके पास रहता था। कई बार गर्ग विदेश जा चुका है।

मामले की तफ्तीश जारी है। आरोपियों को पकड़ा जा रहा है। हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों में भी दबिश दी जा रही है।– अभिषेक दुल्लर, एसआईटी प्रमुख और डीआईजी उत्तरी रेंज

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