हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि सिक्किम और भूटान की तर्ज पर हिमाचल में आने वाले सैलानियों से पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने रखने के लिए टैक्स वसूला जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने ये आदेश दिए हैं।उच्च न्यायालय ने कहा कि हिमाचल में आने वाले सैलानियों की गाड़ियों में प्लास्टिक बैग रखे जाएं ताकि सैलानी इन बैगों में अपना सारा कूड़ा डालें। हाईकोर्ट ने अपने 23 मार्च और 9 मई के आदेशों में नगर निगम शिमला को भी ठोस कचरे से निजात दिलाने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था। 

नगर निगम ने अदालत के आदेशों की पालना करते हुए एक शिकायत नंबर 9805201916 जारी किया है। नगर निगम ने अदालत में कहा कि अगर कहीं भी किसी को जंगल या घरों के आसपास कचरा पड़ा हुआ दिखाई दे तो वह इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि शिकायत का जब तक समाधान न किया जाए तब तक उसको डिस्प्ले पर दिखाया जाए।

इसके अलावा अदालत ने प्रदेश सरकार को अगली सुनवाई तक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।

ग्रीन टैक्स को लेकर दायर करें हलफनामा
अदालत ने लाहौल-स्पीति के डीसी को सैलानियों से लिए जाने वाले ग्रीन टैक्स के ऊपर अगली सुनवाई में हलफनामा दायर करने को कहा है। अदालत ने पूछा कि ग्रीन टैक्स जो सैलानियों से वसूला जा रहा है उसका प्रयोग कहां पर किया जा रहा है।

गैर कानूनी तरीके से प्लास्टिक लाने पर करें जुुर्माना
अदालत ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए कि हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाली प्लास्टिक कंपनियों का पंजीकरण करवाया जाए ताकि यह पता चल सके कि प्रदेश में कितनी मात्रा में प्लास्टिक आ रहा है।  इसको कहां पर डाला जा रहा है। गैर कानूनी तरीके से अगर कोई प्लास्टिक ला रहा है तो उसे पर भारी जुर्माना लगाया जाए।