एमओयू के आधार पर दोनों राज्यों में पथ कर तय होता है इसलिए राजस्व के हिसाब से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 

A committee will be formed to operate the bus route between Himachal and Punjab

हिमाचल और पंजाब के बीच अंतरराज्यीय बस रूट संचालन का क्षेत्र निर्धारित करने के लिए 4 सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी में हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकार के दो-दो अधिकारी होंगे। यह कमेटी दोनों राज्याें के दावों का सत्यापन करेगी और स्थिति साफ होने के बाद दोनों राज्याें के बीच बसों के संचालन को लेकर नए सिरे से करार होगा। इससे पहले साल 2021 में दोनों राज्यों के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ था

एमओयू के आधार पर दोनों राज्यों में पथ कर तय होता है इसलिए राजस्व के हिसाब से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोमवार को प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान दोनों राज्यों ने उनके क्षेत्र में संचालित हो रही बस सेवाओं को लेकर अपने दावे रखे। पंजाब के अधिकारियों ने दावा किया कि हिमाचल परिवहन निगम और निजी बस ऑपरेटरों की बसें निर्धारित 80,000 किलोमीटर से अधिक संचालित हो रही हैं।

इस पर एचआरटीसी के अधिकारियों ने तर्क दिया कि निगम की बसें निर्धारित किलोमीटर से कम पर चल रही हैं। इसी तरह हिमाचल परिवहन विभाग की ओर से जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए उस पर पंजाब के अधिकारियों ने असहमति जताई। दोनों राज्यों के अधिकारियों की कमेटी अब दावों का सत्यापन करेगी और नए आंकड़ों के आधार पर अगला समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होगा। बैठक में परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी, सचिव राज्य परिवहन प्राधिकरण नरेश ठाकुर, एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर के अलावा पंजाब सरकार परिवहन विभाग के सचिव दिलराज सिंह, परिवहन आयुक्त पंजाब मनीश कुमार मौजूद रहे।