पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा ने कहा कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर चल रहे विवाद में विदेशी लोगों का हाथ नहीं हैं।
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा ने कहा कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर चल रहे विवाद में विदेशी लोगों का हाथ नहीं हैं। पुलिस ने खुफिया एजेंसियों ने इनपुट लिया था। इसके आधार पर पुलिस इसे लोकल विवाद ही मान रही है। डीजीपी ने प्रेसवार्ता में कहा कि मामले को लेकर उच्च स्तरीय बैठक हुई है। स्थिति के अनुसार तैयारी की गई है। संजौली में 11 सितंबर को होने जा रहे प्रदर्शन को लेकर पुलिस बल तैनात किया गया है। शरारती तत्वों पर पुलिस नजर बनाए हैं। उन्होंने सभी लोगों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। किसी बात का संदेह है तो पुलिस से सीधे शिकायत करें। बताया कि कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी। डीजीपी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आधार कार्ड में मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक जैसी जन्म तिथि होने का मामला अभी उनके ध्यान में नहीं है। अगर शिमला और इसके आसपास इस तरह का मामला है तो जांच होगी। पुलिस अधीक्षक को जांच के लिए कहा जाएगा। जांच के आधार पर ही पुलिस आगे की कार्रवाई अमल में लाएगी।
मस्जिद में कुल कितना अवैध निर्माण हुआ है, इसके लिए इसी हफ्ते पैमाइश की जाएगी। नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने कनिष्ठ अभियंता को मौके की ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। निगम की वास्तुकार शाखा में तैनात कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र सामटा टीम के साथ मस्जिद की पैमाइश करेंगे। हालांकि, इससे पहले कोर्ट के लिखित आदेशों का इंतजार किया जा रहा है। मस्जिद में निर्माण को लेकर पहले भी नगर निगम रिपोर्ट तैयार कर चुका है, लेकिन सात सितंबर को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान रिपोर्ट नहीं रखी गई थी। अवैध निर्माण से जुड़े सवाल के जवाब में वक्फ बोर्ड ने मौके की ताजा स्टेटस रिपोर्ट मुहैया करवाने को कहा था।
साल 2009 में मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण को लेकर पहली बार शिकायत मिली थी। निगम ने काम रोकने का नोटिस जारी करने के बाद वर्ष 2010 में सुनवाई शुरू की। मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान के अनुसार साल 2012 तक मौके पर दो मंजिला कच्ची मस्जिद खड़ी थी। 2019 में यह पांच मंजिला बन गई। निर्माण किसने किया, इसे लेकर पूर्व प्रधान से लेकर वक्फ बोर्ड अनजान है। मस्जिद के साथ लगते परिसर में अवैध निर्माण कर शौचालय तैयार किए गए थे। कनिष्ठ अभियंता की अगुवाई वाली टीम ने ही जून में यहां तीन शौचालय तुड़वाए थे। हालांकि, उस दौरान यह मामला इतना चर्चा में नहीं था।