हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच शनिवार को कई क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। कुल्लू में बादल फटने से दो घर और पांच गोशालाएं बह गईं। लगघाटी की मानगढ़ पंचायत के गोरूडुग समेत चार गांवों में शनिवार सुबह खूब तबाही मची। सरवरी खड्ड का जलस्तर बढ़ने से कई दुकानों व बस अड्डे को खाली करवाना पड़ा। मंडी जिले में तेज बारिश से राहत कार्य रोकने पड़े। शहर में शनिवार को भी पानी की आपूर्ति नहीं हुई। नाचन में सड़क धंसने से घरेलू गैस की गाड़ी खाई में गिर गई। चालक को सुरक्षित निकाल लिया गया।

कांगड़ा जिले में नौ कच्चे मकानों और 10 गोशालाओं को नुकसान हुआ है। उधर, सोलन जिले के अर्की-भराड़ी मार्ग के बीच बखालग में मकान के साथ सटी विशालकाय चट्टान खिसककर सड़क पर आ पहुंची। इससे साथ लगता एक मकान पूरी तरह तहस-नहस हो गया और एक मकान व दो दुकानों को भी नुकसान हुआ है। सिरमौर के राजगढ़ में मूसलाधार बारिश से दुकानों में पानी और मलबा घुस गया। दुकानदारों ने शुक्रवार रात जागकर काटी। मंडी से पंडोह के बीच 8 जुलाई से बंद एनएच शनिवार को बहाल हुआ।

मनाली-लेह मार्ग भी खुल गया है। बाहंग से वशिष्ठ चौक तक सड़क एकतरफा खुली है। फंसे हुए ट्रक मनाली से वामतट मार्ग होते हुए अरछंडी होकर भेजे जा रहे हैं। कुल्लू की पार्वती घाटी से 3,825 भारतीय और 146 विदेशी पर्यटक रेस्क्यू कर लिए गए हैं। उधर, मनाली से औट के लिए वाया नग्गर और कुल्लू होकर एचआरटीसी और निजी बसों का संचालन शुरू हो गया है। बंजार, सैंज, पार्वती घाटी में दूरसंचार सेवाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन कई सड़कें अभी बहाल नहीं हो पाई। वहीं, बिजली, पानी का भी अभी संकट है।

राजस्थान से आए सात युवक अभी भी लापता
ब्यास व पार्वती में आई बाढ़ के कारण कई लोगों के लापता होने की सूचना है। राजस्थान से कुल्लू-मनाली घूमने आए सात युवक भी लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस को ब्यास व अन्य जगहों पर जो शव मिले हैं उनमें से कई की शिनाख्त नहीं हुई है।