मनाली में ब्यास नदी का पवित्र जल प्रदूषित करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर परिषद पर 15.30 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। बोर्ड ने नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नगर परिषद को ठोस इंतजाम करने के निर्देश भी दिए हैं। रांगड़ी के समीप लगे कूड़े के ढेर से गंदगी ब्यास में मिल रही थी
हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके का दौरा किया और पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद नगर परिषद पर कार्रवाई के तौर पर जुर्माना लगाया। वहीं, नोटिस भी जारी किया। रांगड़ी के समीप वर्षों पहले कूड़ा संयंत्र केंद्र लगाया गया था। कूड़ा संयंत्र केंद्र में कचरा अधिक मात्रा में पहुंचना शुरू हो गया। लेकिन, सही तरीके से निष्पादन नहीं किया जा सका।
कुल्लू का कचरा भी मनाली में ठिकाने लगाया जाने लगा है। लाहौल घाटी से भी कचरे की गाड़ियां मनाली पहुंच रही हैं। धीरे-धीरे कचरे की डंपिंग साइट कूड़े के पहाड़ के रूप में परिवर्तित हो गई। अब इससे रिसाव होने लगा है और कूड़े का गंदा पानी सीधा ब्यास नदी में मिल रहा है। साइट के नीचे पिट बनाकर उसे रोकने के प्रयास तो हुए हैं, लेकिन, फिर भी जहरीला पानी ब्यास नदी में मिल रहा है।
शुक्रवार को मनाली दौरे पर आए शहरी विकास विभाग के निदेशक गोपाल चंद ने भी इस लापरवाही को लेकर सख्त रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि कचरा युक्त गंदा पानी नदी में नहीं मिलना चाहिए, इसके लिए नगर परिषद जल्द से जल्द उचित कदम उठाए। मौके पर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने 15 दिन में उचित समाधान करने की बात कही। कार्यकारी अधिकारी बीआर नेगी ने कहा कि परिषद पिट बना रही है। पाइपों के सहारे यह पानी उठाकर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किया जाएगा।