हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिंदी भाषी लोगों को बड़़ी राहत दी है। अब हाईकोर्ट की वेबसाइट पर हिंदी में भी फैसले उपलब्ध करवाए जाएंगे। स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन से ही यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। शुरुआत में एक जनवरी 2023 से खंडपीठ और फुल कोर्ट के फैसलों का हिंदी अनुवाद वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इसके अलावा एकलपीठ के फैसले 11 अगस्त से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार व सुप्रीम कोर्ट की पहल के बाद हिमाचल हाईकोर्ट ने यह निर्णय लिया है। अदालती फैसलों का हिंदी अनुवाद करने वाला हिमाचल हाईकोर्ट देश में तीसरे स्थान पर है। सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर (सुवास) के अनुसार पहले स्थान पर मद्रास, दूसरे पर दिल्ली और 2294 फैसलों का अनुवाद करने पर हिमाचल हाईकोर्ट तीसरे स्थान पर बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के इस सॉफ्टवेयर पर अभी तक 20 हाईकोर्ट जुड़े हैं।
एक मई 2022 को मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषा में कार्यवाही की पैरवी की थी। इसी कार्यक्रम में देश के मुख्य न्यायाधीश ने भी भारतीय न्याय प्रणाली के भारतीयकरण पर जोर देते हुए उच्चतम और उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषा में कार्यवाही जरूरी बताई थी। सुप्रीम कोर्ट में अंग्रेजी के अलावा हिंदी, तमिल, गुजराती और उड़िया में भी फैसले जारी होते हैं। सीमित प्रयोग के लिए है निर्णय का हिंदी अनुवादहिंदी भाषा में निर्णय का अनुवाद पक्षकारों एवं आमजन के सीमित प्रयोग के लिए किया गया है, जिससे वह निर्णय को अपनी भाषा में समझ सकें।
यह किसी अन्य प्रयोजन के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा। समस्त कार्यालयी एवं व्यावहारिक प्रयोजनों के लिए निर्णय का अंग्रेजी स्वरूप ही अभिप्रमाणित माना जाएगा और कार्यान्वयन तथा लागू किए जाने के लिए उसे ही वरीयता दी जाएगी। हाईकोर्ट में जल्द शुरू होगी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंगहिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट अब अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए देश का सातवां हाईकोर्ट बनेगा। इससे पहले गुजरात, उड़ीसा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दी गई है। इससे मीडिया, पक्षकार और अन्य इच्छुक व्यक्तियों को कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाती है। गुजरात उच्च न्यायालय अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने वाला पहला उच्च न्यायालय बना था।