प्रदेश भर की प्रमुख सब्जी और फल मंडियों के आढ़तियों को फूड लाइसेंस बनाना होगा। इसे लेकर हर जिले की प्रमुख सब्जी मंडी प्रबंधन को पत्र जारी कर सूचित कर दिया गया है। विभाग ने साफ किया है कि खाद्य पदार्थों की खरीद-फरोख्त करने वाले आढ़तियों को भी फूड लाइसेंस बनाना अनिवार्य है। लाइसेंस नहीं बनाने वालों के चालान करने का प्रावधान भी रखा गया है। विभाग की तरफ से फल और सब्जी की खरीद-फरोख्त करने वाले आढ़तियों (कमीशन एजेंट) को भी फूड लाइसेंस बनाने के दायरे में शामिल किया गया है। प्रदेश में आढ़ती आगामी दिनों में बिना लाइसेंस के कारोबार नहीं कर सकेंगे।
विभाग की तरफ से जल्द ही प्रत्येक जिले की प्रमुख सब्जी मंडी में आढ़तियों को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर लगेंगे। शिविरों में आढ़तियों को फल और सब्जी को लेकर विशेष रूप से साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न फलों का पकाने के लिए प्रयोग होने वाले केमिकल के बुरे प्रभावोंं के प्रति जागरूक किया जाएगा। विभाग ने आढ़तियों से भी जल्द से जल्द लाइसेंस बनाने की अपील की है। विभाग ने पंजीकरण करवाने और लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को इस वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा।
100 में पंजीकरण, 2,000 रुपये लाइसेंस फीस
जिन आढ़तियों का टर्नओवर 12 लाख सालाना तक है, उन्हें सिर्फ पंजीकरण करवाना होगा। इसका शुल्क 100 रुपये सालाना है। वहीं जिनका सालाना टर्नओवर 12 लाख से अधिक होगा, उन्हें लाइसेंस लेना होगा। इसका सालाना शुल्क 2,000 रुपये है। विभाग की ओर से पंजीकरण और लाइसेंस बन जाने से कारोबारियों का पूरा डाटा बैंक तैयार हो जाएगा। इससे आयकर और जीएसटी निर्धारण में भी मदद मिलेगी। इससे विभाग को कार्रवाई करने में आसानी मिलेगी।
प्रदेश से भागे डिफॉल्टर आढ़ती पैसा न चुकाएं तो शिकायत करें
हिमाचल से पलायन करने वाले आढ़तियों पर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नेगी ने मंगलवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बागवानों की उपज का पैसा न चुकाने वाले डिफाॅल्टर आढ़ती प्रदेश से भागे हैं। इनमें से कुछ ने दो से तीन साल से बागवानों का पैसा नहीं दिया था। अगर यह लोग पैसा न चुकाएं तो बागवान शिकायत करें, सरकार इन्हें पकड़कर वापस लाएगी और बागवानों को उनकी फसल का पैसा दिलवाया जाएगा। उन्होंने कहा केंद्र की ओर हिमाचल को हेलिकाप्टर देने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन यह सेवा मुफ्त नहीं है हर उड़ान का प्रदेश सरकार को पैसा देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रदेश में 346 मौतें हो चुकी हैं, 331 लोग घायल हैं, 38 लोग लापता है। कुल मिलाकर आपदा से 10,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है।