हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कूड़ा शुल्क का भुगतान करने के बावजूद हजारों उपभोक्ताओं को फिर से कूड़े के हजारों रुपये के बिल जारी हो रहे हैं। कई लोगों को उनकी खाली पड़ी जमीन के नाम से भी कूड़े के बिल जारी कर दिए हैं। नगर निगम आयुक्त ने शिकायतें आने के बाद मामले पर जांच शुरू करवा दी है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी में नगर निगम के लेखा अधिकारी, निगम स्वास्थ्य अधिकारी और वेटरनरी पब्लिक हेल्थ ऑफिसर को शामिल किया है। यह कमेटी जांच करेगी कि आखिर उपभोक्ताओं को फर्जी बिल कैसे आ रहे हैं।

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सॉफ्टवेयर में इसे कैसे ठीक किया जा सकता है। शहर में कई भवन मालिकों के नाम से दो से तीन फर्जी आईडी बन गई हैं। हर आईडी से अब उन्हें बिल जारी हो रहे हैं। परेशान उपभोक्ता अपने बिल भुगतान की रसीदें लेकर नगर निगम दफ्तर पहुंच रहे हैं। यहां रसीदें दिखाने के बाद नगर निगम रिकॉर्ड और सॉफ्टवेयर से यह फर्जी आईडी हटाई जा रही हैं। कई उपभोक्ताओं को उनकी जमीनों के कूड़ा बिल भी जारी किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि एमसी अब अलग-अलग दिन सूखा और गीला कूड़ा उठा रहा है। इससे गीला कूड़ा घरों में पड़ रहता है जिससे दुर्गंध फैली रहती है। लोगों ने मांग की हर रोज घरों से सूखा और गीला कचरा उठाया जाए

लोग जुड़े हैं योजना से 
नगर निगम के डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना से शहर में करीब 60 हजार लोग जुड़े हैं। इन्हें नगर निगम हर माह कूड़े का बिल जारी करता है। साल 2019 में नगर निगम ने कूड़ा बिल की व्यवस्था ऑनलाइन की थी। इसमें हर उपभोक्ता की एक अलग आईडी बनाई गई है जिसके जरिये उसे यह बिल जारी होता है। लेकिन इस सॉफ्टवेयर में एक उपभोक्ता के नाम की कई आईडी बन रही है। इन सब पर बिल भी जारी हो रहे हैं। पहले भी इसकी शिकायतें आ चुकी हैं।

बना दी है जांच कमेटी 
कूड़ा बिल में कई लोगों की डबल आईडी बनने की शिकायतें आ रही हैं। यह क्यों और कैसे हो रहा है, इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी रिपोर्ट देगी कि इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।-भुवन शर्मा, संयुक्त आयुक्त नगर निगम शिमलाअपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें