![](http://baghatexpress.com/wp-content/uploads/2023/04/image-17.png)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों को उनके क्षेत्रों में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता है और कई बार निमंत्रण पत्रों में उनका नाम अंकित नहीं होता है। कई बार निमंत्रण पत्र सदस्यों के पास समय पर नहीं पहुंचते। आमंत्रित करने पर सार्वजनिक समारोह में शामिल होते हैं और उनके बैठने की ठीक से व्यवस्था नहीं की जाती है। विधायकों की ओर से जिला और राज्य के प्राधिकरणों को फोन से संपर्क करने पर उन्हें नजरअंदाज किया गया। यानी कार्यकारी पदाधिकारियों की ओर से उनकी कॉल नहीं उठाई गई। दूरभाष के माध्यम से किए गए संदेशों को नजरअंदाज किया गया तो इसकी जांच के लिए विधानसभा की एक कमेटी गठित की गई है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के साथ सरकारी अधिकारियों और मीडिया कर्मियों की ओर से प्रोटोकॉल मानदंडों के उल्लंघन और अवमाननापूर्ण व्यवहार समिति का गठन किया गया है।
![](http://baghatexpress.com/wp-content/uploads/2023/03/1457x181.jpg)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गई है। यह कमेटी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए गठित की गई है। इसके सभापति अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया होंगे। सदस्य संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, विधानसभा सदस्य विपिन सिंह परमार, अनिल शर्मा, संजय रतन, केवल सिंह पठानिया और त्रिलोक जमवाल होंगे। यह कमेटी अध्यक्ष के माध्यम से आई हर शिकायत की जांच करेगी। यह कमेटी विधायकों और पूर्व विधायकों को देय वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं की जांच करेगी विधानसभा सचिव की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और मीडिया कर्मियों की ओर से अगर किसी सदस्य के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता तो यह कमेटी अध्यक्ष की ओर से संदर्भित हर शिकायत की जांच करेगी।
विधानसभा सदस्यों से प्राप्त संचार और संवाद को तत्परता से नहीं लिया जाता
हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों की ओर से प्राप्त संचार और संवाद को तत्परता से नहीं लिया जाता और अक्सर देरी की जाती है और अधूरी जानकारी दी जाती है। सदस्य इस संंबंध में अध्यक्ष या सचिव को लिखित शिकायत करते हैं तो इससे संबंधित दस्तावेज साक्ष्य को संलग्न किया जाना चाहिए। शिकायत की जांच करने से पहले संबंधित राज्य सरकार से तथ्य पर आधारित नोट मांगा जाता है, जिसके अधीन अधिकारी या कर्मचारी कार्यरत हैं। शिकायत की जांच के वक्त अगर यह पाया जाता है कि मामला प्रोटाेकॉल मानदंडों के उल्लंघन का है तो अध्यक्ष मामले की जांच-पड़ताल और रिपोर्ट के लिए समिति को भेज सकता है।
![](http://baghatexpress.com/wp-content/uploads/2023/03/1457x181.jpg)