हिमाचल प्रदेश के सभी न्यायालयों में 13 मई को लोक अदालत लगाई जा रही है। इसमें वाहन चालान और छोटे अपराधों से संबंधित मामलों को अपराधी घर से ही निपटा सकेंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विकास गुप्ता ने बताया कि लोक अदालत के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अधिक से अधिक मामलों को इसके माध्यम से निपटारे के लिए चुना जा रहा है। इसमें विवाह संबंधी, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण, श्रम संबंधी मामले, पेंशन, कर्मचारी क्षतिपूर्ति, बैंक वसूली, बिजली और दूरभाष के बिल संबंधी मामले, उपभोक्ता शिकायत के मामले, और मोटर वाहन चिह्नित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जन जागरुकता के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। इसमें स्थानीय निकायों, पुलिस, परिवहन विभाग, वित्तीय संस्थानों, बैंकों, गैर सरकारी संगठनों, आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से आम जनता को जागरूक किया जा रहा है। सभी से राष्ट्रीय लोक अदालत में उत्साहपूर्वक भाग लेने की अपील की जा रही है।अमर उजाला से बातचीत में सचिव विकास गुप्ता ने बताया कि लोक अदालत के बहुत सारे लाभ हैं और इससे समय एवं धन की बचत होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में मामले के निपटारे के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है और पुराने मामलों का न्यायालय शुल्क वापस हो जाता है। इसमें किसी पक्ष को सजा नहीं होती और मामले को आपसी बातचीत से सुलझाया जाता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में मुआवजा और हर्जाना तुरंत मिल जाता है। लोक अदालत को फैसला अंतिम होता है और इसकी कहीं भी अपील नहीं होती है।