मौसम के खराब होने या सूखा पड़ने से फसल नष्ट होने पर किसानों को 60 हजार से लेकर दो लाख तक का बीमा कवर मिलेगा। ओलावृष्टि के लिए 30 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को आगामी तीन वर्षों के लिए अधिसूचित किया गया है। यह अधिसूचना मक्की, धान, गेहूं, जौ सहित आलू, टमाटर, अदरक, मटर, फूलगोभी और बंदगोभी की फसलों के लिए जारी की गई है।
यह बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी और क्षेमा जनरल इंश्योरेंस कंपनी करेगी। प्रीमियम किसान, केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से जमा करेंगे। कृषि निदेशक ने इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। यह अधिसूचना खरीफ और रबी की आगामी तीन साल की फसलों के बीमा के लिए राज्य कृषि विभाग ने जारी की है। यह भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के निर्देश पर जारी की गई है।
इसमें मक्की, धान, गेहूं और जौ जैसे खाद्यान्न लिए गए हैं। इसी तरह 2023 से लेकर 2025-26 के लिए आलू, टमाटर, अदरक, मटर, बंदगोभी, फूलगोभी, ब्रोकली और शिमला मिर्च की फसलों का भी बीमा किया जाएगा। उन सभी किसानों को इसमें कवर माना जाएगा, जिन्होंने सीजनल एग्रीकल्चरल ऑपरेशन लोन लिए हैं। इनमें से अगर कोई किसान चाहता है कि वह कवर नहीं होना चाहता है तो उसे बैंक को यह लिखित में देना होगा।
खरीफ और रबी की फसलों के लिए बीमित राशि 60 हजार रुपये होगी। अलग-अलग क्षेत्रों के लिए प्रीमियम रेट भी अलग-अलग तय किए गए हैं। किसान का प्रीमियम खरीफ की बीमित फसल के लिए दो और रबी के लिए डेढ़ प्रतिशत ही होगा। इसमें मौसम से फसलों को होने वाले नुकसान को कवर किया जाएगा। इसमें डेढ़ से दो लाख रुपये तक की बीमा कवर दिया जाएगा।
ओलावृष्टि पर 30 हजार का अतिरिक्त कवर: ओलावृष्टि के लिए 30 हजार रुपये तक का अतिरिक्त कवर दिया जाएगा। इसके लिए किसानों का प्रीमियम शेयर खरीफ और रबी दोनों ही सीजन के लिए बीमित फसल का पांच फीसदी ही होगा। बाकी प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार दोनों 90:10 प्रतिशत के अनुपात से चुकता करेगी।